Friday, May 29, 2009

आपकी याद में ....

हमारी मोहब्बत को दगाबाजी का नाम मत दीजिये ,
वफादार हूँ , बेवफा कह बदनाम मत कीजिये ।
हम पर शक कर खुदा का अपमान मत कीजिये ,
सजा सही , पर भूलने का असह्य इल्जाम मत दीजिये ॥

कैसे भूल सकता है ये दिल वो मिलन वो मौसम ,
याद करते हैं तो मर जाते हैं सारे गम ।
अविश्वासी सा अधम सोचकर मत ढाइए सितम ,
कब दिन लौटकर आयेंगे, सदा मिन्नतें करते हैं हम ॥