Tuesday, April 13, 2010

अब भागना है...

मैं जानता हूँ मुझे वापस यहीं आना है ,
इन्हीं बंद कमरों में , इन्हीं चारदिवारियो में बंद रहना है..
फिर भी मैं कुछ दिनों के लिए भागना चाहता हूँ,
इन सबसे दूर, इस भीड़, इस भागमभाग से....
केवल अपने लिए, अपने विचारों के लिए...
कुछ दिनों के ठहराव के लिए ......
अब भागना है, भले वो कुछ ही दिनों के लिए ही क्यूँ न हो.. ..

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