Thursday, May 26, 2011

प्यार में ज़िन्दगी बिताइए....

इधर से जो गुजर गयी, उसी पे हम मचल गए,
जो कुछ न हो सका तो फिर करीब से निकल गए |
कुछ पल का दुःख फिर मस्त हो हम चल लिए,
नए चेहरों की तलाश में फिर हम बढ़ लिए | 

सभी हसीन सभी जवान किसी पे दिल को हारिए,
जब किसी पे दिल आ जाये तो उसके लिए फाईट मारिये |
दिले-ज़ज्बात इज़हार करने में कभी ना हिचकिचाईये,
इन्कार का डर निकाल कर प्रेम पथ पर बढ़ते जाइए |

अगर सफल ना हुए तो तनिक भी ना घबराईये,
दिल को सम्हालिए, और फिर से खोज में लग जाईये |
दुनिया में हसीनों की कमी नहीं, दिल को ये समझाइये,
रोने धोने में में क्या रखा है, प्यार में ज़िन्दगी बिताइए |

यह कविता मेरे और मेरे प्रिय मित्र शैलेष अग्रवाल के सम्मिलित प्रयास का परिणाम है |  

1 comment:

Ali said...

good one
kgp ka frust bando aur kuchh bandiyon ke liye sahi likha hai
keep it up.