Thursday, December 25, 2008

"फ़िर याद आता है , सब याद आता है |"

जीवन के इस पड़ाव पर,
इस कठिनतम राह पर,
मैं जीवन से हार चुका हूँ ।
आज तुम,
फ़िर याद आती हो,
इस हारे हुए चेहरे पर , मुस्कान दे जाती हो ।


तुम्हारा वो चेहरा,
जिसकी मासूमियत को मैं आज भी भूल न सका;
तुम्हारी वो मासूम मुस्कान,
जिसके लिए मैं कुछ भी करने को तैयार था।
और हाँ ,
तुम्हारा वो गुस्सा ,
जिसे शांत करना असंभव था,
जो मुझे भी निस्सहाय कर देता था;
आज फ़िर याद आता है ।
आज सब याद आता है ।
तुम्हारा मेरे लिए दूसरो से झगड़ना,
फ़िर मुझे डांटना और खरी-खोटी सुनाना,
और तुम्हारे उस तमतमाते चेहरे को मेरा घूरते रह जाना,
आज फ़िर याद आता है ।
आज सब याद आता है ।


मुझे याद आता है वो दिन,
जब पहली बार हम मिलें थे ।
पहली क्लास में ही तुम्हारा देर से पहुंचना,
आकर मेरे बगल में बैठना,
और उस शांत क्लास में,
तुम्हारा ऊँची आवाज़ में मेरा नाम पूछना,
फ़िर सबका हमारी तरफ़ देखना ,
और फ़िर प्रोफेसर का जोर से डांटना ।
आज फ़िर याद आता है ।
आज सब याद आता है।


मेरा कॉलेज में वो पहला दिन था ।
स्कूल के बाहर पहला कदम था ।
और पहले ही दिन , पहली ही क्लास में प्रोफ़ेसर की डांट ।
मैनें ऐसा तो ना सोचा था।
उस वक्त तुम मुझे अपनी सबसे बड़ी दुश्मन लगी थी।
मैं तो तुमसे बात भी न करना चाहता था।
फ़िर भी,
तुम्हारे एक बार कहने पर मैं तुम्हारे साथ लाइब्रेरी चला गया।
पता नहीं क्या आकर्षण था तुम्हारे चेहरे में, तुम्हारी बातों में,
मैं कभी भी तुम्हें मना कर न सका ।
आज भी जब सोचता हूँ ,
तो तुम्हारे चेहरे का वो आकर्षण ,
तुम्हारी बातों की वो मिठास,
तुम्हारे साथ वो घंटों बातें करना।
आज फ़िर याद आता है ।
आज सब याद आता है।


ना जाने कैसे मैं तुम्हारे करीब आता गया।
मैनें तो कभी सोचा भी न था ,
कि हम इतने करीब आ जायेंगे ।
हमारी पहली मुलाकात दूसरी और दूसरी तीसरी हो गई,
और इन मुलाकातों में ना जाने कब,
हमारा कॉलेज भी ख़त्म हो गया ।
पाँच साल कैसे बीते, पता भी ना चला ।
और फ़िर आया वो दिन जब हम बिछड़ गए,
तुम अपने रास्ते और मैं अपने रास्ते।
मैं तुमसे कुछ कह ना सका ।
मैं तुम्हें रोक ना सका ।
तुम्हारी आंखों का आँसू
आज फ़िर याद आता है ।
आज सब याद आता है।


आज अपनी गलती का एहसास होता है,
हम एक दूसरे के लिए थे ।
मुझे तो तुम्हें कहना था, रोकना था ।
पर मैं हिम्मत कर न सका ,
अपना प्यार तुम्हें बता न सका।
मैं खो गया इस जीवन के चक्कर में ,
भूल गया वो हँसी , भूल गया वो मुस्कान ।
पर वो सब कुछ,
आज फ़िर याद आता है ।
आज सब याद आता है ।

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